Friday, July 23, 2010

देखो तो कैसा लगता हूं मैं...


मेरा यह कैरीकेचर मेरे अजीज और नामी काटूर्निस् सुरेन्द्र वर्मा ने मेरे आग्रह पर तैयार किया है। वर्मा अपने फनका जादू समूचे सूबे में बिखेर चुके हैं। वह मेरे ही साथ राजस्थान पत्रिका के कोटा कार्यालय में कार्यरत है। पत्रिकाकी ओर से उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा उनकी उपलब्धियों को गिनाने लगूंगा तो शायदशब् कम पड जाएंगे। मैंने जैसे ही उन्हें मेरा कैरीकेचर तैयार करने का आइडिया दिया तो वे राजी हो गए और फिरइस कैरीकेचर को बनाकर सभी को दिखाते हुए बोले, ये कौन है... जब साथियों ने मेरा नाम बताया तब वह संतुष्हुए कि उन्होंने जो काम किया है, वह सार्थक रहा।‍‍ ‍ ‍‍ ‍‍ ‍ ‍

Sunday, July 18, 2010

अब हमारी भी विशिष्‍ट पहचान होगी

डॉलर, यूरोप के यूरो, जापान के येन ब्रिटिश पाउंड की तरह अब हमारे रुपएकी भी समूची दुनिया में विशिष् पहचान होगी। पिछले दिनों कैबिनेट ने इसफैसले पर अपनी मुहर लगाई तो खुशी हुई। लगा कि एक नामी अर्थशास्त्री केनेतृत् में हमारे मुल् की सरकार चल रही है। उन्हें भी बधाई और उनकीकैबिनेट को भी। साथ ही मुल् के हर उस नागरिक को, जो दुनिया के किसी भीकौने में इस विशिष् पहचान का लाभ पाने का हकदार होगा। लेकिन इतना हीनहीं, अर्थव्यवस्था से जुडे इससे भी कडे फैसले करने की जरूरत है। ताकि देशको लगे कि हमारे प्रधानमंत्री की पूरे विश् में बतौर अर्थशास्त्री जो पहचान है, वह यूं ही नहीं है। चाहे वो बेलगाम महंगाई का मसला हो या फिर कृषि बैंकिंग क्षेत्र पर सरकारी नियंत्रण का।आज इन सभी मसलों पर सधे हुए कदम उठाने की जरूरत है। ‍ ‍ ‍‍‍ ‍ ‍ ‍‍ ‍‍