डॉलर, यूरोप के यूरो, जापान के येन व ब्रिटिश पाउंड की तरह अब हमारे रुपएकी भी समूची दुनिया में विशिष्ट पहचान होगी। पिछले दिनों कैबिनेट ने इसफैसले पर अपनी मुहर लगाई तो खुशी हुई। लगा कि एक नामी अर्थशास्त्री केनेतृत्व में हमारे मुल्क की सरकार चल रही है। उन्हें भी बधाई और उनकीकैबिनेट को भी। साथ ही मुल्क के हर उस नागरिक को, जो दुनिया के किसी भीकौने में इस विशिष्ट पहचान का लाभ पाने का हकदार होगा। लेकिन इतना हीनहीं, अर्थव्यवस्था से जुडे इससे भी कडे फैसले करने की जरूरत है। ताकि देशको लगे कि हमारे प्रधानमंत्री की पूरे विश्व में बतौर अर्थशास्त्री जो पहचान है, वह यूं ही नहीं है। चाहे वो बेलगाम महंगाई का मसला हो या फिर कृषि व बैंकिंग क्षेत्र पर सरकारी नियंत्रण का।आज इन सभी मसलों पर सधे हुए कदम उठाने की जरूरत है।
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